बाहुबली अनंत सिंह के जेल से बाहर निकलते ही मुंगेर की राजनीतिक पारा चढ़ा

बाहुबली अनंत सिंह के जेल से बाहर निकलते ही मुंगेर की राजनीतिक पारा चढ़ा

मुंगेर में दो बाहुबलियों के बीच देखने को मिल सकती है परोक्ष जंग

मुंगेर में ललन सिंह और कुमारी अनिता के बीच कांटे टक्कर

 

 

चौथी वाणी मुंगेर से रंजीत विद्यार्थी के साथ अनिल राज की रिपोर्ट

मुंगेर : मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह के पेरौल पर जेल से बाहर निकलते ही मुंगेर में राजनीतिक तापमान सिर चढ़कर बोलने लगा है। हर चाय पान की दुकान पर बाहुबली अशोक महतो और अनंत सिंह की चर्चा हो रही है कि आखिर चुनाव के वक्त मोकामा के बाहुबली को पेरौल पर जेल से क्यों निकाला गया। अनंत सिंह को जेल से बाहर निकाले जाने को मुंगेर की जनता चुनाव से जोड़कर देख रहे है। जेल से बाहर निकलते ही अपने पहले ही ब्यान में मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह ने कहा कि अशोक महतो को जमानत जब्त करा देंगे। इसके साथ ही अब मुंगेर में लोकसभा चुनाव की लड़ाई अगड़ी-पिछड़ी जाति पर जाकर अटक गई है। अब देखना है कि इस लोकसभा चुनाव का परिणाम किस करवट बैठेगा, यह तो 04 जून को ही पता चलेगा। लेकिन अब मुंगेर में लोकसभा का चुनाव जदयू के प्रत्याशी राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह एवं अशोक महतो की पत्नी राजद प्रत्याशी कुमारी अनिता की बीच कांटे की लड़ाई हो गई हैं। चौथे चरण के तहत 13 मई को मुंगेर लोकसभा सीट पर मतदान चुनाव होना है। इस सीट पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है। लालू ने जहां पिछड़ा कार्ड खेला है तो वहीं नीतीश ने फिर से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को मैदान में उतारा है। ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी हैं। उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव प्रचार कर चुके हैं। बीअब अनंत सिंह के जेल से निकलने के बाद मोकामा इलाके में अगड़ा बनाम पिछड़ा की लड़ाई देखने को मिल सकती है। इसके साथ ही इसका असर बाढ़, लखीसराय, मुंगेर, जमालपुर विधानसभा क्षेत्र में भी देखने की मिल सकती है। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की रणनीति से निपटने के लिए एनडीए ने भी एक्शन प्लान तैयार किया और चुनाव से ठीक पहले मोकामा के पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को उतारा है। उनको 15 दिनों की पैरोल मिली है, जिसके बाद रविवार सुबह वह बेऊर जेल से बाहर निकल गए हैं।

 

अनंत सिंह का हुआ जोरदार स्वागत

 

जेल से बाहर निकालने के बाद समर्थकों ने उन्हें फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया उसके बाद वह गाड़ी में बैठकर सीधे निकल गए। सबसे पहले वह ब्रह्मस्थान के लिए रवाना हुए. महारानी मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद अनंत सिंह ने एक तरीके से अभियान की शुरुआत भी कर दी। पैरोल पर रहने के कारण वह सीधे तौर पर चुनाव प्रचार तो नहीं कर सकते हैं लेकिन इलाके में रहेंगे तो पर्दे के पीछे से खेल कर सकते हैं।

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अनंत सिंह से ललन सिंह को होगा फायदा या नुकसान

 

बाहुबली अनंत सिंह की मोकामा और बाढ़ इलाके में मजबूत पकड़ है। भूमिहार और सवर्ण जातियों में उनकी अच्छी पैठ मानी जाती है। ललन सिंह भी भूमिहार जाति से आते हैं, लेकिन ऐसी चर्चा है कि उनसे उनके ही समाज के लोग नाराज हैं। ऐसे में अनंत सिंह के कारण जातीय गोलबंदी जेडीयू कैंडिडेट के पक्ष में हो सकती है।

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मुंगेर में अनंत सिंह बनाम अशोक महतो

 

मुंगेर में बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता देवी चुनावी मैदान में हैं। उन्होंने पत्नी को चुनाव लड़ाने के लिए ही लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद आनन-फानन में शादी की है। जिसके बाद लालू यादव ने अनिता को आरजेडी का सिंबल थमा दिय। खुद अशोक महतो बाहुबली रहे हैं। उम्रकैद की सजा काटकर पिछले साल ही जेल से निकले हैं वह कुर्मी जाति से आते हैं। जबकि उसकी पत्नी अनिता देवी धानुक जाति से आती है।अशोक महतो की पिछड़ी जाति एवं दलित मतदाताओं में अच्छी पकड़ बना रखी है। अब अनंत सिंह की रिहाई से मुंगेर में दो बाहुबलियों के बीच परोक्ष जंग देखने को मिल सकती है।

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